तंबाकू सेवन है हानिकारक! कार्यशाला आयोजित
शेखपुरा।।।श्रीमती इनायत खान जिलाधिकारी शेखपुरा के अध्यक्षता में आज समाहरणालय के मंथन सभागार में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा) 2003 के मुख्य प्रावधान पर एक उपयोगी कार्यशाला आयोजित की गई। सर्व प्रथम जिलाधिकारी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से तम्बाकू सेवन के संबंध में फीटबैक प्राप्त किये। उन्होंने कहा कि आत्म नियंत्रण नहीं होने के कारण तम्बाकू सेवन की आदत लग जाती है। मुझे विश्वास है कि कार्यशाला के बाद तम्बाकू सेवन करने वाले लोग इसका सेवन करना बंद कर देगें। अपने परिवार की आर्थिक स्थिति एवं कुशल के लिए तम्बाकू छोड़ने का निर्देश दियें। जिला को तम्बाकू मुक्त करने के लिए जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर सशक्त टीम का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर घुम्रपान करना दण्डनीय अपराध है। इसके लिए दो सौ रूपये का आर्थिक जुर्माना वसूल किया जायेगा। सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने कार्यालयों में घुम्रपान निषेध का सफेद पृष्ट भूमि का बोर्ड (साइनेज) लगाना सुनिश्चित करेंगे। 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अव्यस्कों को तम्बाकू पदार्थ बेचना दण्डनीय अपराध है। शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू पदार्थ बेचना दण्डनीय अपराध है। इसका उल्लघन करने पर 200 रूपये का जुर्माना वसूल किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला स्थापना दिवस के पूर्व तम्बाकू निषेध का साइनेज लगाना सभी अधिकारी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि 02 अक्टूबर 2019 महात्मा गाॅधी जयंती के शुभ अवसर पर जिला को तम्बाकू मुक्त घोषित किया जायेगा। इसमें सभी अधिकारियों, प्रतिनिधियों एवं आम जनता का सक्रिय सहयोग अपेक्षित है। इसको चुनौती के रूप में लेना है और तम्बाकू मुक्त जिला घोषित करना है अभी तक बिहार में 14 जिला को तम्बाकू मुक्त घोषित किया गया है। इसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता है। इसके माध्यम से समाज के अधिकांशत बुराईयों को दूर किया जा सकता है। बैठक के अंत में उन्होंने तम्बाकू रहित जीवन की शपथ सभी अधिकारियों को दिलाई।
मैं इस तथ्य को जानता/जानती हूँ कि तम्बाकू सेवन देश की सबसे तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है। हर साल भारत में तम्बाकू सेवन से होने वाली बीमारियों से लगभग 10 से 12 लाख लोगों की मृत्यु होती है। भारत में कैंसर से मरने वाले 100 रोगियों में से 40 रोगी तम्बाकू सेवन के कारण मरते है। लगभग 90 प्रतिशत मुँह का कैंसर तम्बाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों में होता है।
मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता/लेती हूँ कि मैं जीवन-पर्यन्त तम्बाकू का प्रयोग नहीं करूंगा/करूंगी। मैं दूसरों को भी तम्बाकू प्रयोग से होने वाले खतरों के बारे में जागरूक बनाने और तम्बाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करने का वचन देता/देती हूँ। मैं यह शपथ लेता/लेती हूँ कि मैं अपने विद्यालय, घर, समाज एवं समुदाय को तम्बाकू-मुक्त करने के लिए अपनी सर्वोत्तम क्षमताओं का प्रयोग करूंगा।
कार्यशाला में डाॅ॰ विरेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि भारत में प्रति वर्ष तम्बाकू के कुप्रभाव से 13 लाख व्यक्तियों की मौत होती है। आठ में से छः मौत का कारण तम्बाकू है। तेरह वर्ष से 15 वर्ष के बच्चे प्रतिवर्ष 55 सौ तम्बाकू सेवन से जुड़ते है। सिगरेट में 4000 हजार से अधिक हारिकारण रासायनिक पदार्थ होता है। गुटखा भी एक हानिकारक पदार्थ है। डाॅ॰ दीपक मिश्रा ने कार्यशाला में बताया कि सिगरेट तथा बीड़ी के सेवन से अमोनिया आरसेनिक, निकोटिन, टार कार्बन मोनोआॅक्साइड आदि हानिकारक पदार्थ का सेवन करते है। भारत में तम्बाकू का सेवन 48 प्रतिशत पुरूष तथा 20 प्रतिशत महिलायें तम्बाकू का सेवन करते है, जबकि बिहार में 86 प्रतिशत पुरूष एवं 40 प्रतिशत महिलायें तम्बाकू का सेवन करते है।
तम्बाकू सेवन करने वाले को कई पुरस्कार मिलता है:-प्रथम पुरस्कार कैंसर, द्धितीय पुरस्कार - हार्ट अटैक, तृतीय पुरस्कार- मुॅह खुलना बंद चतुर्थ पुरस्कार-खाॅसी/दम्मा पंचमा पुरस्कार-नामर्दी, गर्भपात आदि।
आज के कार्यशाला में सत्येंद्र कुमार सिंह उप विकास आयुक्त, राकेश कुमार अनुमंडल पदाधिकारी, शशिकांत आर्य वरीय कोषागार पदाधिकारी, सत्येंद्र प्रसाद जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी, प्रमोद कुमार जिला कल्याण पदाधिकारी के साथ-साथ सभी थाना अध्यक्ष, प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचलाधिकारी आदि उपस्थित थें।
शेखपुरा।।।श्रीमती इनायत खान जिलाधिकारी शेखपुरा के अध्यक्षता में आज समाहरणालय के मंथन सभागार में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा) 2003 के मुख्य प्रावधान पर एक उपयोगी कार्यशाला आयोजित की गई। सर्व प्रथम जिलाधिकारी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से तम्बाकू सेवन के संबंध में फीटबैक प्राप्त किये। उन्होंने कहा कि आत्म नियंत्रण नहीं होने के कारण तम्बाकू सेवन की आदत लग जाती है। मुझे विश्वास है कि कार्यशाला के बाद तम्बाकू सेवन करने वाले लोग इसका सेवन करना बंद कर देगें। अपने परिवार की आर्थिक स्थिति एवं कुशल के लिए तम्बाकू छोड़ने का निर्देश दियें। जिला को तम्बाकू मुक्त करने के लिए जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर सशक्त टीम का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर घुम्रपान करना दण्डनीय अपराध है। इसके लिए दो सौ रूपये का आर्थिक जुर्माना वसूल किया जायेगा। सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने कार्यालयों में घुम्रपान निषेध का सफेद पृष्ट भूमि का बोर्ड (साइनेज) लगाना सुनिश्चित करेंगे। 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अव्यस्कों को तम्बाकू पदार्थ बेचना दण्डनीय अपराध है। शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू पदार्थ बेचना दण्डनीय अपराध है। इसका उल्लघन करने पर 200 रूपये का जुर्माना वसूल किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला स्थापना दिवस के पूर्व तम्बाकू निषेध का साइनेज लगाना सभी अधिकारी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि 02 अक्टूबर 2019 महात्मा गाॅधी जयंती के शुभ अवसर पर जिला को तम्बाकू मुक्त घोषित किया जायेगा। इसमें सभी अधिकारियों, प्रतिनिधियों एवं आम जनता का सक्रिय सहयोग अपेक्षित है। इसको चुनौती के रूप में लेना है और तम्बाकू मुक्त जिला घोषित करना है अभी तक बिहार में 14 जिला को तम्बाकू मुक्त घोषित किया गया है। इसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता है। इसके माध्यम से समाज के अधिकांशत बुराईयों को दूर किया जा सकता है। बैठक के अंत में उन्होंने तम्बाकू रहित जीवन की शपथ सभी अधिकारियों को दिलाई।
मैं इस तथ्य को जानता/जानती हूँ कि तम्बाकू सेवन देश की सबसे तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है। हर साल भारत में तम्बाकू सेवन से होने वाली बीमारियों से लगभग 10 से 12 लाख लोगों की मृत्यु होती है। भारत में कैंसर से मरने वाले 100 रोगियों में से 40 रोगी तम्बाकू सेवन के कारण मरते है। लगभग 90 प्रतिशत मुँह का कैंसर तम्बाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों में होता है।
मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता/लेती हूँ कि मैं जीवन-पर्यन्त तम्बाकू का प्रयोग नहीं करूंगा/करूंगी। मैं दूसरों को भी तम्बाकू प्रयोग से होने वाले खतरों के बारे में जागरूक बनाने और तम्बाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करने का वचन देता/देती हूँ। मैं यह शपथ लेता/लेती हूँ कि मैं अपने विद्यालय, घर, समाज एवं समुदाय को तम्बाकू-मुक्त करने के लिए अपनी सर्वोत्तम क्षमताओं का प्रयोग करूंगा।
कार्यशाला में डाॅ॰ विरेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि भारत में प्रति वर्ष तम्बाकू के कुप्रभाव से 13 लाख व्यक्तियों की मौत होती है। आठ में से छः मौत का कारण तम्बाकू है। तेरह वर्ष से 15 वर्ष के बच्चे प्रतिवर्ष 55 सौ तम्बाकू सेवन से जुड़ते है। सिगरेट में 4000 हजार से अधिक हारिकारण रासायनिक पदार्थ होता है। गुटखा भी एक हानिकारक पदार्थ है। डाॅ॰ दीपक मिश्रा ने कार्यशाला में बताया कि सिगरेट तथा बीड़ी के सेवन से अमोनिया आरसेनिक, निकोटिन, टार कार्बन मोनोआॅक्साइड आदि हानिकारक पदार्थ का सेवन करते है। भारत में तम्बाकू का सेवन 48 प्रतिशत पुरूष तथा 20 प्रतिशत महिलायें तम्बाकू का सेवन करते है, जबकि बिहार में 86 प्रतिशत पुरूष एवं 40 प्रतिशत महिलायें तम्बाकू का सेवन करते है।
तम्बाकू सेवन करने वाले को कई पुरस्कार मिलता है:-प्रथम पुरस्कार कैंसर, द्धितीय पुरस्कार - हार्ट अटैक, तृतीय पुरस्कार- मुॅह खुलना बंद चतुर्थ पुरस्कार-खाॅसी/दम्मा पंचमा पुरस्कार-नामर्दी, गर्भपात आदि।
आज के कार्यशाला में सत्येंद्र कुमार सिंह उप विकास आयुक्त, राकेश कुमार अनुमंडल पदाधिकारी, शशिकांत आर्य वरीय कोषागार पदाधिकारी, सत्येंद्र प्रसाद जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी, प्रमोद कुमार जिला कल्याण पदाधिकारी के साथ-साथ सभी थाना अध्यक्ष, प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचलाधिकारी आदि उपस्थित थें।
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