शेखपुरा के अरियरी में अब जीविका दीदी कम जमीन में भी अधिक पैदावार कर खुशहाल बनेगी ,दिया गया प्रशिक्षण
शेखपुरा के अरियरी में अब जीविका दीदी कम जमीन में भी अधिक पैदावार कर खुशहाल बनेगी ,दिया गया प्रशिक्षण
शेखपुरा ।।वह दिन दूर नही जब महिलाएं भी कृषि कार्य मे हाथ बटाते हुए काम जमीन में भी अधिक उपज ले सकेगी । इसके लिए महिलाओं ने भी प्रशिक्षण ले ली है ।और खेतों में खुशहाली लाने के लिए वैज्ञानिक पद्धति अपना कर काम भूमि में भी अधिक लाभ ले सकेगी । यह प्रशिक्षण अरियरी प्रखंड में खरीफ फसल के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जीविका परियोजना से जुड़े 32 ग्रामीण संसाधन सेवियो के साथ एक दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन जीविका के प्रखण्ड परियोजना कार्यालय में किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए जीविका की जिला परियोजना प्रबंधक अनीशा गांगुली ने खरीफ के सभी फसलों की तकनीकी जानकारी आये प्रतिभागीयों को स्पष्ट रूप से दी जिसमें गरीब किसान कम से कम जमीन में अधिक से अधिक फसल की उपज कैसे करेंगे, इसकी बारीकी को समझाया। उन्होंने गैर आवासीय प्रशिक्षण में आए प्रतिभागियों को श्री विधि से धान, डीएसआर के साथ-साथ किचन गार्डन करने पर भी सभी तकनीकियों को समझाया।
उन्होंने बताया कि कम लागत में अधिक मुनाफा से ही किसान वर्गीय समूह समृद्ध हो सकेंगे। यही सोच को सार्थक करने के उद्देश्य से आज इस प्रशिक्षण -सह- कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
प्रशिक्षण दे रहे जीविका के सतत् जीविकोपार्जन योजना के जिला नोडल मोहम्मद आफताब ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से जीविका के सभी ग्रामीण संसाधन सेवियों को यह जानकारी दी जा रही है कि ग्रामीण क्षेत्र में जीविका से जुड़े किसान वर्गीय समूह, महिला किसानों एवं अन्य किसानों को तकनीकी एवं अधिक जानकारी उपलब्ध करवाकर उनकी कार्यक्षमता एवं उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर उनके आमदनी में बढ़ोतरी कैसे लाई जा सके जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी हो सके।
उन्होंने बताया कि, फसलों के उपज में विभिन्न प्रकार के तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल किया जाने लगा है जिससे समय निकल जाने के बाद भी बुआई की जा सकती है और समय रहते थोड़ा मेहनत कर अगर धान की सीधी रोपाई विधि से फसल लगाने पर सामान्य विधि से होने वाली उपज से 2 से 3 गुना अधिक उपज का लाभ किसान उठा सकते हैं तो फिर सामान्य और पारंपरिक विधि से खेती कर फसल की उपज कम होने पर नुकसान क्यों सहें।
प्रशिक्षण के दौरान जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक-प्रभारी आजाद कुमार ने कहा कि जीविका का उद्देश्य है राज्य स्तर पर व्याप्त गरीबी को दूर करना। इसका प्रयास तभी सफल होगा जब हम प्रत्येक वर्ग के लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने की दिशा में सृजनात्मक कार्य करेंगे।
इस कार्यशाला में खरीफ फसल में उपजाए जाने वाले अनाज, दलहन, सब्जी एवं अन्य फसलों के बारे में बताया गया तथा किचन गार्डन के बारे में भी विस्तार से सभी प्रतिभागियों को बताया गया।
इस प्रशिक्षण को सफल बनाने में जीविका परियोजना के प्रखंड कर्मी आजाद कुमार, संजीव कुमार, आभा कुमारी, चंचीला कुमारी, अभिषेक कुमार एवं अन्य ने अहम भूमिका निभाई।
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