सेविका -सहायिका चयन में गड़बड़ी को लेकर महिला सुपरवाइजर बर्खास्त
शेखपुरा।डीएम योगेंद्र सिंह ने जिला में आंगनबाड़ी सेविका -सहायिका की बहाली में अनियमितता बरते जाने पर सख्त कार्रवाई करते हुए वर्तमान में शेखोपुरसराय परियोजना में कार्यरत एवं पूर्व में घाटकुसुम्भा बाल विकास परियोजना की महिला सुपरवाइजर श्वेता कश्यप को नौकरी से बर्खास्त कर दिया । हलाकि उन्हें कानून के अनुसार इस चयन मुक्ति के खिलाफ अपील करने की छुट दी गयी है। चयन मुक्त महिला सुपरवाइजर पर आंगनवाड़ी केंद्र के पोषक क्षेत्र का गलत मैपिंग का आरोप लगाया गया था। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि उनके द्वारा किये गए गलत मैपिंग के कारण घाटकुसुम्भा क्षेत्र के आठ वार्ड में आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका के चयन का कार्य बाधित हो गया है। इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन द्वारा उनसे स्पष्टीकरण की भी मांग की गयी थी। मैपिंग पंजी की जाँच से यह सामने आया कि मैपिंग का कार्य उन्होंने सेविका और सहायिका से करवा लिया। जबकि उन्हें घर घर जाकर लोगो के बारे में सही सही जानकारी अंकित की जानी थी। अपने स्पष्टीकरण में उन्होंने स्वीकार किया कि उसे धानुक और तेली जाति के कोटि के बारे में जानकारी नहीं रहने के कारण भूल हुई है।उसने बाल विकास परियोजना और डीएम द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण में अलग अलग कारण दर्शाया है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता हैं।
शेखपुरा।डीएम योगेंद्र सिंह ने जिला में आंगनबाड़ी सेविका -सहायिका की बहाली में अनियमितता बरते जाने पर सख्त कार्रवाई करते हुए वर्तमान में शेखोपुरसराय परियोजना में कार्यरत एवं पूर्व में घाटकुसुम्भा बाल विकास परियोजना की महिला सुपरवाइजर श्वेता कश्यप को नौकरी से बर्खास्त कर दिया । हलाकि उन्हें कानून के अनुसार इस चयन मुक्ति के खिलाफ अपील करने की छुट दी गयी है। चयन मुक्त महिला सुपरवाइजर पर आंगनवाड़ी केंद्र के पोषक क्षेत्र का गलत मैपिंग का आरोप लगाया गया था। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि उनके द्वारा किये गए गलत मैपिंग के कारण घाटकुसुम्भा क्षेत्र के आठ वार्ड में आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका के चयन का कार्य बाधित हो गया है। इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन द्वारा उनसे स्पष्टीकरण की भी मांग की गयी थी। मैपिंग पंजी की जाँच से यह सामने आया कि मैपिंग का कार्य उन्होंने सेविका और सहायिका से करवा लिया। जबकि उन्हें घर घर जाकर लोगो के बारे में सही सही जानकारी अंकित की जानी थी। अपने स्पष्टीकरण में उन्होंने स्वीकार किया कि उसे धानुक और तेली जाति के कोटि के बारे में जानकारी नहीं रहने के कारण भूल हुई है।उसने बाल विकास परियोजना और डीएम द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण में अलग अलग कारण दर्शाया है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता हैं।
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